Saturday, August 18, 2007

हवन और प्रधानमंत्री मनमोहन सिह

भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिह आजकल खतरे में है। उनके राजनीतिक विरोधी उनके खिलाफ न जाने क्या क्या नहीं कर रहे है। उनकी मृत्यु के लिए भारतीय जनता पार्टी ने हवन किया। यह कोई नहीं खुद उन्होने ही कहा है। वह भी एक पत्रिका के साथ दिए इंटरव्यू में। उनको यह सब तीन महीने पहले ही पता थी। लेकिन उन्होने इस बात को छपवाया अब क्यों कि अमेरिका से परमाणु समझौता हो चुका है। मनमोहन सिंह ने क्या टाइमिंग दी है। क्रिकेट की भाषा में गेंद सीधे सीमा रेखा के बाहर और छक्का। अमेरिका से परमाणु समझौता होते ही मनमोहन इतने महत्वपूर्ण हो गए कि उनकी मृत्यु तक की कामना की जाने लगी। लगता है अब मनमोहन की रक्षा अमेरिका को ही करनी पड़ेगी। बैसे भी यह अमेरिका का नैतित दायित्व है कि वह मनमोहन सिंह की पुख्ता सुरक्षा इतंजाम करे क्यों कि इतना अच्छे वफादार बार बार थोड़े मिलते है। अमेरिका को भाजपा से कहना चाहिए कि वह ऐसे हवन न करे। इस बात को कह कर मनमोहन ने अमेरिका कौ चेताता है कि देखो भारत में अब भी ऐसे लोग हैं जो हवन कर विरोधियों को मृत्यु का वरण करवा सकते हैं। अगर यह बात अल कायदा वालों को पता चल गई तो कितने लोगों के लिए आफत आ जाएगी। ओसामा बिन लादेन तो जार्ज बुश और जान मेजर के नाम से हवन करवा देगा। उनका क्या होगा। शायद आईपीसी और सीआरपीसी में तो कोई धारा होगी जिसमें भाजपा के नेताओं पर मुकदमा दर्ज किया जा सके लेकिन अंतरराष्टीय कानून में हवन के खिलाफ मुकदमा करने की शायद कोई धारा नहीं है। हवन को लेकर एक और भी तथ्य की ओर मनमोहन सिंह ने इशारा किया कि हे ब्राह्मणों तुम फौरन हवन का पेटेंट करवा लो वरना मैं कुछ नहीं कर पाउंगा। मैने तुमको इशारा कर दिया है। वैसे भी अमेरिका हर चीज का पेटेंट कर रहा है चाहे वह तुम्हारे घर की मिट्टी ही क्यों न हो। अगर कुछ ऊंच नींच हो गई तो मेरे से मत कहना मैं तो अमेरिका का विरोध करने में विश्वास नहीं करता। वैसे उत्तर प्रदेश के ब्राह्मण तो आजकल भ्रम में है कि भाजपा की ओर देखे या बसपा की ओर खैर हवन की बात कह कर मनमोहन सिंह ने बता दिया कि उनका ब्रह्म ग्यान किसी से कम नहीं है। जब उन पर खतरा है तो सोनिया गांधी भी उनको कुछ नहीं कहेंगी। तभी तो भाजपा के हथियार से ही उसको पराजित करने की मुहिम छेड़ हुए है। कौन कहता है मनमोहन सिंह को राजनीति नहीं आती है। देखा कैसे कूंपमंडूकता के मामले में हमारे लदन स्कूल आफ इक्नोमिक्स के प्रोफेसर ने भाजपा की बत्ती गुल कर दी। धन्य है मनमोहन सिंह जी आप और हम धन्य हैं हमारे भाग कि आप सा प्रधानमंत्री हमारी जिंदगी में आया।

2 comments:

ghughutibasuti said...

मुझे तो अधिक भय पर्यावरण को लेकर है । लादेन तो सारे पेड़ काट लकड़ियाँ लादकर ले जाएगा और हर किसी की मौत के लिए हवन करवाएगा । यदि कोई निर्लज्ज फिर भी न मरा तो उसे हवन कुंड में डाल देगा ।
घुघूती बासूती

ePandit said...

"देखा कैसे कूंपमंडूकता के मामले में हमारे लदन स्कूल आफ इक्नोमिक्स के प्रोफेसर ने भाजपा की बत्ती गुल कर दी। धन्य है मनमोहन सिंह जी आप और हम धन्य हैं हमारे भाग कि आप सा प्रधानमंत्री हमारी जिंदगी में आया।"

हम भी खुद को बहुत धन्य टाइप फील कर रहे हैं। :)