आगे-आगे देखिए होता है क्या...!
यह सब हुआ क्यो?
हे भगवान अब आगरा क्यूँ जलने लगा ?
एक साथ नहिं होहिं भुवालू, हंसहिं ठेठाइ फुलावहिं गालू।।एक साथ दोनो काम नहीं हो सकते - तुष्टीकरण भी हो और बम बिस्फोट न हो, दंगा न हो।
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यह सब हुआ क्यो?
हे भगवान अब आगरा क्यूँ जलने लगा ?
एक साथ नहिं होहिं भुवालू,
हंसहिं ठेठाइ फुलावहिं गालू।।
एक साथ दोनो काम नहीं हो सकते - तुष्टीकरण भी हो और बम बिस्फोट न हो, दंगा न हो।
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